बुधवार 2 जुलाई 2025 - 15:35
अमेरिका और उसके सहयोगी मुसलमानों की एकता को तोड़ना चाहता हैं।सिराजुल हक़

हौज़ा / मुल्तान में एक प्रशिक्षण सभा को संबोधित करते हुए जमात ए इस्लामी के पूर्व अमीर सिराजुल हक ने कहा कि वैश्विक साम्राज्यवाद की ज़ालिमाना नीतियां विफल हो रही हैं और इंशाअल्लाह फिलिस्तीन समेत मज़लूम उम्मत की आज़ादी की जद्दोजहद कामयाब होकर रहेगी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जमात ए इस्लामी पाकिस्तान के पूर्व अमीर सिराजुल हक ने कहा कि ईरान द्वारा इजरायली आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देना मुस्लिम उम्मत की जागृति और दृढ़ता का सबूत है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी मुसलमानों की एकता को तोड़ना चाहते हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि अगर मुस्लिम देश अपने विचारधारा पर डटे रहें और एक आवाज़ बन जाएं तो कोई ताकत उन्हें हरा नहीं सकती।

उन्होंने ये विचार जामिया उलूम में जमात-ए-इस्लामी जिला मुल्तान के मासिक प्रशिक्षण सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस मौके पर सुहैब अम्मार सिद्दीकी (अमीर जमात-ए-इस्लामी जिला मुल्तान), ख्वाजा आसिम रियाज (सचिव जनरल), मौलाना अब्दुर्रज़्ज़ाक (मुहतमिम जामिया उलूम), हाफिज मोहम्मद असलम (नायब अमीर जिला), असद मुनिर (नायब अमीर जिला), ख्वाजा सग़ीर अहमद (नायब अमीर जिला) और जमात-ए-इस्लामी के अन्य जिम्मेदारों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या मौजूद थी। 

पूर्व अमीर जमात-ए-इस्लामी ने कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि वे मौजूदा हालात को देखते हुए अपनी विचारधारा को थामे रहें, किसी डर या लालच में आए बिना दीन-ए-हक़ के संदेश को फैलाएं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अपने घरों, मोहल्लों और इलाकों में इस्लाही और तरबियती सभाएं आयोजित करें, ताकि जमात का नज़रिया मज़बूत बुनियादों पर कायम हो। 

सिराजुल हक ने कहा कि आज ज़रूरत इस बात की है कि हम अपनी व्यक्तिगत और सामाजिक ज़िंदगी को कुरान और सुन्नत के मुताबिक ढालें और अपने अमल से उम्मत को उम्मीद और हौसला दें।

जमात ए इस्लामी जिला मुल्तान के अमीर सुहैब अम्मार सिद्दीकी ने कहा कि पाकिस्तान को संकटों से निकालने का एकमात्र रास्ता जमात-ए-इस्लामी के इस्लामी और इंक़िलाबी मंसूर पर अमल है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे आम लोगों तक जमात की नीतियों को पहुंचाएं, वैश्विक मामलों पर जमात का स्पष्ट रुख बयान करें और हर मंच पर हक़ की आवाज़ बनें।

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